Sunday 1 March 2015

                                “देशी राज विदेशी नीति”
          देश को स्वतंत्र हुए ६५ वर्ष बीत चुके है | लोकतंत्र योवन पर है परन्तु दुःख तब होता जब आम भारतीय अपने को आज भी कानून से कोसों दूर पाता है | अंग्रेजी राज की तरह आज भी कानून दबंगों ,बाहुबलियो ,समाज के ठेकेदारों व राजनेताओ के इशारे पर नृत्य करता है | कानून व्यवस्था आज भी १९४७ पूर्व की पद्यति पर चल रही है | पीड़ित आज भी न्याय के लिए दर—दर भटकता मिल जायेगा | कचहरी से एक भी व्यक्ति न्याय से संतुष्ट बाहर आता नहीं दिखता | जिस अपने संविधान की बात की जाती है उसमे आज भी अधिकांश कानून अंग्रेजो के बनाये हुए है | दरसल अंग्रेज ३४७५० कानूनों के बल पर देश पर शासन करते थे | भारतीय पुलिस अधिनियम १८६० का है | इससे पहले सेना का कानून था | राइट टू ओफेन्स –अगर पुलिस आपको लाठी से पीटती है | और आप पिटाई से बचने को लाठी पकड़ते है या अपना बचाव करते है | तो ये सरकारी काम में बाधा का अपराध है | (लाला लाजपत राय को सांडर्स ने सर में १४ लाठीयां मारी, कमर से ऊपर लाठी मारना वैसे भी अपराध है | इस मामले को लेकर  भगत सिंह अदालत गए पर सांडर्स का कुछ नहीं बिगड़ा), क्योंकि राइट टू ओफेन्स है पर स्वयं के बचाव का कानून राइट टू डिफैंस नहीं है |
       अंग्रेजी राज के कुछ प्रमुख पुराने कानून—सिंचाई कानून १९१०, भूमि अधिग्रहण कानून १८९४, समिति पंजीयन अधिनियम १८६०, भारतीय सबूत अधिनियम १८७२, अनुबंध अधिनियम १८७२, नेगोशिएबिल इंस्ट्रूमेंट एक्ट १८८१, चल-अचल संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम १८८२, इज्मेंट एक्ट १८८२, जनरल क्लाज एक्ट १८८७, पंजाब भूमि राजस्व अधिनियम १८८७, पंजीयन अधिनियम १९०८, सिविल प्रोसीजर कोड १९०८, | तलाक कानून १८६९, किसानो के कर्ज का कानून १८८४, गंगा पुल चुंगी कानून १८६७, सरकारी इमारतों का कानून १८९९, पुलिस कानून १८६१, आधुनिक रेस्टोरेंट आज भी १८६७ के सराय एक्ट से संचालित होते है | विधवा विवाह एक्ट १८५६, नगरपालिका अधिनियम १९१६ | संविधान के बारे में डा. अम्बेडकर ने ३ सित. १९५३ को (लागु होने के महज ३२ महीने बाद ) लोकसभा में काटजू के प्रश्न के उत्तर में कहा था की "लोग कहते है की मैने संविधान बनाया ,हाँ मैंने बनाया पर मैं तो भाड़े का टट्टू था मुझसे जो लिखाया वो मैंने लिखा मेरा बस चले तो मै पहला व्यक्ति होऊ जो इस संविधान को आग लगा दू |"               
 संविधान के बारे में कुछ जानकारी---
संविधान सभा में पहले ३८९ सदस्य थे इसकी पहली बैठक ९ दिसंबर १९४६ को हुई ओर अस्थाई अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा को बनाया गया | ११ दिसंबर को हुई दूसरी बैठक में डा. राजेन्द्र प्रसाद को स्थाई अध्यक्ष चुना गया | डा. भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष बने | संविधान का प्रारूप पी एन राव ने तैयार किया | समिति के अन्य सदस्य थे (१) एन गोपालस्वामी अयंगर (२) ऐ के स्वामी अय्यर (३) मोहम्मद सादुल्ला (४) के ऍम मुंशी (५) वी एल मित्तर (६) डी पी खेतान | बाद में मित्तर ओर खेतान के स्थान पर एन माधवराव व टी टी कृष्णमाचारी को लिया गया | संविधान के बनाने में २ वर्ष ११ माह १८ दिन लगे | २६ नवंबर १९४९ को संविधान बना व २६ जनवरी १९५० को लागु हुआ |
जिस संविधान पर हम गर्व करते है वह सब चोरी या उधारी का है | देखे कंहा से क्या लिया ---
(१) मोलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्लोकन, उपराष्ट्रपति पद, राष्ट्रपति पर महाभियोग—अमेरिका |
(२) नीति निदेशक तत्व, राज्यसभा राष्ट्रपति द्वारा १२ सीटों का मनोनयन----आयरलैंड |
(३) गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली---फ़्रांस |(४) संघात्मक व्यवस्था (यूनियन सिस्टम)-—कनाडा |
(५) संविधान संशोधन प्रक्रिया---दक्षिण अफ्रीका | (६) मोलिक कर्तव्य---पूर्व सोवियत संघ |
(७) संसदीय शासन प्रणाली, नागरिकता, मंत्रिमंडल का लोकसभा के प्रति दायित्व---ब्रिटेन |
(८) आपातकाल---जर्मनी | (९) संविधान की प्रस्तावना, केन्द्र राज्य सम्बन्ध---अष्ट्रेलिया |
(10) भ्रष्टाचारी, अपराधी, अनपढ़ कानून बनाने वाले (संसद)---भारत |
इसे कहते है “कंही कि ईंट कंही का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा” | कुछ प्रबुद्द्ध लोगों का ऐसा भी मानना है की संविधान के निर्माण में सिर्फ कलम ओर कागज ही हमारा है ओर बाकि सब विदेशी है | पर तब तो कागज ओर कलम भी विदेश से आता था | अब मोदी सरकार कालवाह्य हो चुके १७०० पुराने कानूनों की पहचान कर चुकी है ओर शीघ्र ही उन्हें हटाने की भी तैय्यारी चल रही है |